कार्तिक पूर्णिमा न केवल एक धार्मिक त्योहार है, बल्कि यह भक्ति, पवित्रता और विश्वास की शक्ति का भी प्रतीक है:- डाॅo ललित तिवारी।

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आलेख:-डाॅo ललित तिवारी,कुमाऊँ विश्वविद्यालय,नैनीताल।

नैनीताल:-आज के दिन का विशेष महत्व है कार्तिक पूर्णिमा के साथ देव दीपावली तथा गुरुनानक जयंती का संयोग आज के दिन होता है जब पूर्णिमा के चंद्रमा के साथ इनका योजन होता है । आज के दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासर राक्षस का वध कर उसके अत्याचारों से सभी को मुक्ति दिलाई और त्रिपुरारि कहलाये तब देवताओं ने स्वर्ग में दीप जलाकर दीपोत्सव मनाया था तभी से कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली मनायी जाती है । आज का दिन भगवान शिव तथा भगवान विष्णु की पूजा का विधान है ।
कार्तिक पूर्णिमा को देवी तुलसी ने पृथ्वी पर जन्म ग्रहण किया था। इस दिन बैकुण्ठ के स्वामी श्री हरि को तुलसी पत्र अर्पण करते हैं। कार्तिक पूर्णिमा को ही महाकर्तिकी भी कहा जाता है ।
कार्तिक पूर्णिमा न केवल एक धार्मिक त्योहार है, बल्कि यह भक्ति, पवित्रता और विश्वास की शक्ति का भी प्रतीक है ।

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कार्तिक पूर्णिमा के दिन घर में शुद्ध घी या सरसों के तेल के दीपक जलाए जाते है तथा उनकी संख्या विषम 5, 7, 11, 21, 51 या फिर 101 दीपक जलाना शुभ माना जाता है। दीपक जलाने से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। यह दिन गंगा स्नान का भी है आज ही के दिन नॉर्थ ईस्ट में परिक्रमा भी होती है सभी को भगवान विष्णु तथा शिव की कृपा हो।