महाशिवरात्रि का विशेष:- शिवलिंग में मात्र जलाभिषेक करने से शिव जी प्रसन्न होते हैं।

LekhaniNews
खबर शेयर करें

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्. उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
ॐ तत्पुरुषाय विदमहे, महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात्.

हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है. हर साल फाल्गुन मास के फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. इस दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखने का विधान है. मान्यता है कि इस दिन शिवलिंग में मात्र जलाभिषेक करने से शिव जी प्रसन्न होते हैं और अपने साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. 

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड हाईकोर्ट के नवनियुक्त न्यायमूर्ति आलोक मेहरा ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।

शास्त्रों के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ थी. इसी के कारण इस दिन शिव-पार्वती जी की पूजा करने के साथ व्रत रखने का विधान है. इसके साथ ही शिव जी का जलाभिषेक करने से वह अति प्रसन्न होते हैं. बता दें कि इस साल शिव, सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ शश, मालव्य जैसे राजयोगों का निर्माण हो रहा है.

यह भी पढ़ें 👉  जिले के समस्त बैंकों के लिए साइबर अपराध एवं पोश अधिनियम पर विशेष कार्यशाला
Ad