“साहसिक खेलों में महिलाएँ” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन।

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नैनीताल: शहीद श्री खेमचंद्र डौर्बी राजकीय महाविद्यालय बेतालघाट नैनीताल में राष्ट्रीय सेवा योजना एवं आईक्यूएसी के संयुक्त तत्वावधान में “साहसिक खेलों में महिलाएँ” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो.विनय कुमार विद्यालंकार ने कहा कि वह समाज पतनोन्मुखी है जो महिलाओं को अधिकार देने की बात करता है । क्योंकि वैदिक काल से ही अनुसुइया, अपाला एवं मदालसा जैसी महिलाएं सशक्त थी जो नारी माँ के रूप में बच्ची को जन्म देती है क्या वह बालक माँ को अधिकार देगा जिसका अस्तित्व उस माँ से है यह बात समाज के लिए विडम्बना की बात है । डॉ. दीपक ने अपने वक्तव्य में कहा कि महिलाओं को नजर अंदाज न करें बल्कि उन्हें प्रत्येक क्षेत्र में प्रोत्साहन किया जाना आवश्यक है। डॉ. तरुण कुमार आर्य ने महिलाओं की खेलों में भूमिका के विषय में बताया खेल के क्षेत्र में महिलाओं को सशक्त करने की आवश्यकता है। मेरीकॉम , फोगाट बहनें जिन्होंने कार्यक्रम में महिला सशक्तिकरण का परिचय दिया। एनएसएस प्रभारी श्रीमती ममता पांडे ने साहसिक खेलों से जुड़ी महिलाओं के बारे में बताया।
डॉ. भुवन मठपाल ने कहा दुनिया में जहां कहीं भी युद्ध हुए। उसकी त्रासदी से सबसे अधिक प्रभावित महिलाएं हुई। उन्होंने हर क्षेत्र में संघर्ष करती महिलाओं के जीवन को कविता के माध्यम से व्यक्त किया।
यहां छात्राओं में प्रतिभा, पूजा, ज्योति, सुनीता, हिमानी भंडारी तथा मनीषा ने कविताओं के माध्यम से महिलाओं की स्थिति के बारे में बताया।
इस अवसर पर भास्करानंद पंत, डॉ. फरजाना अज़ीम, श्रीमती सपना आर्या, प्रेमा देवी, मुकेश रावत समेत प्रतिभा, सुनीत बबीता चौरसिया कमल, एवं छात्र सचिन डिम्पल आदि छात्राएं उपस्थित रहीं।