रिपोर्ट:- नेहा जोशी, बागेश्वर
बागेश्वर:- धर्म, भक्ति और ज्ञान की त्रिवेणी श्रीमद्भागवत महापुराण के अमृतमय श्रवण से संपूर्ण क्षेत्र को आध्यात्मिक ऊर्जा मिलने जा रही है। माँ भद्रकाली दरबार, कमस्यार घाटी में आगामी 13 जून (शुक्रवार) से भागवत कथा का भव्य आयोजन आरंभ होगा, जो 20 जून तक चलेगा।
श्रीमद्भागवत महापुराण, जिसे स्वयं भगवान श्रीकृष्ण का स्वरूप माना गया है, जीवन में वैराग्य, भक्ति और ज्ञान की ज्योति प्रज्वलित करता है। यह वह दिव्य ग्रंथ है जिसे सुनने मात्र से मनुष्य जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्त होकर परम शांति और मोक्ष की ओर अग्रसर होता है।
इस कथा का वाचन करेंगे उत्तराखंड के सुविख्यात और मधुरभाषी भागवताचार्य आचार्य किशोर जोशी, जिनकी वाणी में श्रीकृष्ण कथा स्वयं झंकृत होती है। उनका भावपूर्ण वाचन श्रोताओं को भक्ति में सराबोर कर देता है।
13 जून को प्रातः भव्य कलश यात्रा के साथ इस पुण्य कार्य का शुभारंभ होगा। कथा प्रत्येक दिन दोपहर 1 बजे से सांय 4 बजे तक आयोजित की जाएगी, इसके उपरांत भजन-कीर्तन और संध्या आरती का आयोजन भक्तों को अध्यात्म की गहराई में ले जाएगा। कथा के मुख्य यजमान श्री ललित जोशी एवं श्रीमती ज्योति जोशी परिवार (प्रथमेश जोशी, यश जोशी सहित) हैं, जो तन-मन-धन से इस दिव्य आयोजन में जुटे हैं। मंदिर समिति के अध्यक्ष श्री राजेन्द्र सिंह भण्डारी तथा भद्रकाली मंदिर के समस्त पुजारीगणों ने समस्त भक्तजनों से अपील की है कि वे इस पावन अवसर पर अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर श्रीमद्भागवत कथा का लाभ लें और अपने जीवन को धन्य एवं पावन बनाएं। क्षेत्र में इस कथा के आयोजन की सूचना मिलते ही भक्तों के हृदयों में भक्ति की तरंगें दौड़ पड़ी हैं। माँ भद्रकाली दरबार में एक बार फिर श्रद्धा, सेवा और भक्ति का अनुपम संगम देखने को मिलेगा। श्रीमद्भागवत कथा केवल वाचन नहीं, आत्मा का शुद्धिकरण है। यह हमें सिखाती है कि संसार की नश्वरता में केवल नाम स्मरण और भक्ति ही अमर है।

