नैनीताल:- उत्तराखंड के प्रतिष्ठित तीलू रौतेली पुरस्कार के लिए राज्य से 13 महिलाओं का चयन किया गया है। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा दिए जाने वाले तीलू रौतेली पुरस्कार के लिए इस साल प्रदेश भर से कुल मिलाकर 13 महिलाओं का चयन किया गया है। इसके अलावा 33 महिलाओं को राज्य स्तरीय आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का पुरस्कार दिया । यह पुरस्कार शिक्षा, सामाजिक कार्य, रूढ़ीवाद उन्मूलन, मीडिया, खेल, पर्यावरण सहित विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को दिया जाता है।
इस वर्ष खेल क्षेत्र में अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए तीलू रौतेली पुरस्कार नैनीताल की सुश्री नैना अधिकारी को मिला है जो की नैनीताल नगर ही नहीं बल्कि पूरे उत्तराखंड के लिए एक गर्व की बात है ,नगर की कला कुशल एवं निपुण बेटी नैना अधिकारी ने केरल के मालाबार रीवर फेस्टिवल में हुए एशिया के सबसे बड़े क्याकिंग टूर्नामेंट में सलालम वर्ग में रजत व बोटर क्रॉस में कांस्य पदक जीतकर उत्तराखंड का मान बढ़ाया है। इस जीत के साथ ही इंडियन क्याकिंग-केनोइंग एसोसिएशन ने नैना का चयन भारतीय टीम में कर लिया है। वह भारतीय टीम में शामिल चार खिलाडिय़ों में इकलौती बालिका हैं।
इस साल फरवरी में देवप्रयाग में आयोजित गंगा क्याकिंग-केनोइंग फेस्टिवल में भी सलालम वर्ग में रजत व बोटर क्रॉस में गोल्ड मेडल जीता था। इसके साथ ही उन्होंने बेस्ट फीमेल पैडलर का खिताब भी अपने नाम किया था। इन उपलब्धियों की वजह से नॉर्थ रीवर सप्लायर एनआरएस कंपनी अमेरिका ने उन्हें टीम बेडलर में शामिल किया है। कंपनी एक साल तक उनकी परफार्मेंस पर नजर रखेगी। 2014 में इंडियन यंगस्ट फीमेल व्हाइट वाटर क्याकर बन चुकीं नैना के साथ इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बनाने वाली कंपनी गोपरो ने भी करार किया है। अब क्याकिंग के दौरान कंपनी की डिवाइस से वह वीडियो बनवा सकेंगी। बताया कि वह इस उपलब्धि को प्राप्त करने वाली पहली भारतीय महिला हैं। सेंट मैरी कॉलेज से 2018 में 12वीं पास करने वाली नैना को बचपन से ही साहसिक खेलों का शौक है। नैना अब तक 16 नदियों में क्याकिंग-केनोइंग प्रतियोगिता में हिस्सा ले चुकी हैं। इस खेल में जुडऩे की प्रेरणा उन्हें स्विटजरलैंड में रह रहे अपने चाचा भूपेंद्र अधिकारी से मिली, जबकि वह अपने पिता विजय अधिकारी जो कि एक समाज सेवक है को अपना अनुकरणीय व्यक्ति और प्रेरणास्रोत मानती हैं। इस दौरान नैना के पिता विजय अधिकारी, मां जया अधिकारी, दादी गंगा अधिकारी, चाचा प्रदीप अधिकारी व महेश अधिकारी भी मौजूद थे।


