आलेख:- डॉ ललित तिवारी
वैश्विक पृथ्वी दिवस:- विशेष पृथ्वी दिवस वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ाने के लिए कार्रवाई का आह्वान करता है तथा 2025, मंगलवार 22 अप्रैल को मनाया जाएगा, 55वीं बार की थीम ‘हमारी शक्ति, हमारा ग्रह’ थीम के साथ मनाया जाएगा
यह थीम रिन्यूबल एनर्जी की ओर ग्लोबल बदलाव लाने और क्लाइमेट चेंज से मुकाबला करने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर जोर देती है। इसका मुख्य लक्ष्य 2030 तक वैश्विक स्तर पर स्वच्छ बिजली उत्पादन को तीन गुना करना है
पृथ्वी दिवस का मकसद पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना और लोगों को प्रोत्साहित करना है. इसे इंटरनेशनल मदर अर्थ डे भी कहा जाता है.
वर्ष 1969 में सैन फ़्रांसिस्को में आयोजित यूनेस्को सम्मेलन में शांति कार्यकर्ता जॉन मैककोनेल ने पृथ्वी दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था.
अमेरिकी सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन ने 22 अप्रैल, 1970 को पृथ्वी दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा.
मिशिगन यूनिवर्सिटी में कुछ छात्रों और कर्मचारियों ने पर्यावरण पर एक शिक्षण सत्र आयोजित किया था. इसी के बाद पृथ्वी दिवस मनाया गया.
पृथ्वी दिवस मनाने के पीछे
पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाना
प्रकृति के पक्ष में वकालत करना
अपने ग्रह की सुरक्षा के बारे में सीखना और शिक्षित होना
प्रदूषण, वनों की कटाई, जलवायु परिवर्तन, और लुप्तप्राय प्रजातियों जैसे मुद्दों पर चर्चा करना है।
पर्यावरण संरक्षण के लिए व्यवहारिक बदलाव लाने के लिए प्रोत्साहित करना
पृथ्वी के सामने वर्तमान की समस्याओं में जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण, और जैव विविधता का नुकसान शामिल हैं। इनके समाधान हेतु व्यक्तिगत और सामूहिक स्तर पर प्रयास करने की जरूरत है।
पृथ्वी का तापमान लगातार बढ़ रहा है, जिससे जलवायु में बदलाव आ रहे हैं।
प्रदूषण से
वायु, जल और मिट्टी प्रदूषण पृथ्वी के लिए एक प्रमुख समस्या है। इन प्रदूषणों का मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण पर गंभीर प्रभाव पड़ता है.
जैव विविधता का नुकसान से
पृथ्वी पर विभिन्न प्रकार के जीवों की संख्या घट रही है इसका कारण आवास का विनाश, प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन प्रमुख है साथ ही
बढ़ती आबादी और खपत के कारण, कचरा प्रबंधन एक बड़ी समस्या बन गई है।
इन समस्याओं के प्रति गंभीरता तथा पृथ्वी के संरक्षण हेतु
हमें ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करना होगा और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करना होगा ।
प्रदूषण को कम करने के लिए, हमें उद्योगों और परिवहन में प्रदूषणकारी पदार्थों के उपयोग को कम करना चाहिए, जल संसाधनों का संरक्षण करना तथा कचरे का प्रबंधन करना होगा ।
जैव विविधता के नुकसान को रोकने के लिए, हमें आवासों की रक्षा ,प्रदूषण कम करना तथा अवैध वन्यजीव व्यापार को रोकना होगा ।
कचरे को ठीक से निपटाने और पुनर्चक्रण करने के लिए, हमें कचरे को कम करना चाहिए, पुनर्चक्रण को बढ़ावा देना चाहिए
पृथ्वी जो हमें रहने का स्थान एवं हमारे भर को सहन करती है इसके लिए व्यक्तिगत और सामूहिक प्रयास करने की आवश्यकता है। हमें अपने जीवन में बदलाव लाना पड़ेगा नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करना, कचरे को कम करना, और जैव विविधता को संरक्षित रखना होगा।

