भीमताल:- ब्रिटिश काल में निर्मित भीमताल डैम के जीर्णोद्धार कार्य पर सवाल खड़े हो रहे हैं। शासन द्वारा स्वीकृत धनराशि के बावजूद डैम पर बड़ी दरारे बरकरार है, जो कार्यदायी संस्था की लापरवाही को दर्शाता है। सामाजिक कार्यकर्ता पूरन चंद्र बृजवासी ने इस मुद्दे को उठाते हुए विभाग से गुणवत्तापूर्ण कार्य की मांग की है। पूरन बृजवासी की ही पहल पर डैम के संरक्षण के लिए पूर्व में शासन से धनराशि मंजूर की गई थी, जिसमें दरारें भरना, सभी निकासी गेटों की मरम्मत, निकासी बंद गेटों को चालू करना और डैम एवं झील के संरक्षण जैसे कार्य शामिल थे। लेकिन, डैम पर अब भी दिख रही दरारें कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठा रही हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह डैम न केवल ऐतिहासिक धरोहर है, बल्कि पर्यटन और पर्यावरण के लिए भी महत्वपूर्ण है। बृजवासी ने कहा, “विभाग को गंभीरता से कार्य करना चाहिए। उन्होंने शासन से विशेषज्ञ समिति गठित कर कार्य की निगरानी की मांग की है। सिंचाई विभाग का दावा है कि कार्य प्रगति पर है, लेकिन अधूरे कार्य और दरारें इस दावे पर सवाल उठाते हैं। स्थानीय समुदाय ने चेतावनी दी है कि जल्द कदम नहीं उठाए गए तो यह मुद्दा और गंभीर हो सकता है।



