रिपोर्ट — नेहा जोशी (बागेश्वर)
बागेश्वर:- कमस्यार घाटी स्थित प्रसिद्ध मां भद्रकाली मंदिर में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन भक्तिभाव और श्रद्धा के आलोक में सम्पन्न हुआ। मां के जयघोषों, शंखनाद, और कीर्तन-भजनों से पूरा क्षेत्र दिव्य ऊर्जा से आलोकित हो उठा।
श्रद्धालुजन प्रातःकाल से ही मां के दर्शन और कथा श्रवण हेतु मंदिर प्रांगण में पहुंचने लगे। पारंपरिक वेशभूषा में सजे महिला-पुरुषों का हुजूम भक्ति रस में डूबा हुआ मां भद्रकाली की महिमा का गुणगान कर रहा था।
मां भद्रकाली की महिमा अद्वितीय है
कहा जाता है कि मां भद्रकाली कलियुग में वह दिव्य शक्ति हैं, जिनका स्मरण मात्र ही सारे क्लेशों, रोगों और दरिद्रता का नाश कर देता है। मां अपने भक्तों पर कभी कठोर नहीं होतीं। वह सच्चे हृदय से बुलाने वालों की हर पुकार सुनती हैं।
कथा वाचक पंडित किशोर चंद्र जोशी ने कथा में भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा कि —
“जैसे नंदगांव में यशोदा मैया के आंगन में प्रभु ने रास रचाया, वैसे ही मां भद्रकाली भी अपने धाम में भक्तों को सुख और शांति का वरदान देती हैं।”
🪔 समूचा क्षेत्र बन गया तीर्थस्थल
मां के भक्त पैठाण, डुंगरी, बगौली और आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में यहां पहुंच रहे हैं। कथा स्थल पर सुंदर झांकी, ध्वनि-सज्जा, और आरती व्यवस्था ने श्रद्धालुओं के अनुभव को दिव्य बना दिया है।
🕉️ आप भी आइए मां के धाम — अनुभव कीजिए भक्ति, शक्ति और शांति का संगम
यदि आप भी जीवन में शांति, ऊर्जा और मां के आशीर्वाद की अनुभूति करना चाहते हैं, तो इस अभूतपूर्व धार्मिक आयोजन का हिस्सा बनें।
इस मौके पर मंदिर समिति के
राजेंद्र भंडारी (अध्यक्ष), पंकज डसीला (सचिव), किशोर चंद्र जोशी, ललित जोशी, ज्योति जोशी, पुजारी भास्कर जोशी, महेश जोशी, विनोद जोशी आदि मौजूद रहे।
🙏 आइए, मां के दरबार में—जहां हर दुख का होता है अंत और हर प्रार्थना को मिलता है उत्तर।

