नैनीताल:- माननीय उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, नैनीताल के दिशा निर्देशानुसार एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, नैनीताल / जिला न्यायाधीश श्री हरीश कुमार गोयल जी के निर्देशन में सिविल जज (सी०डि०) / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, नैनीताल श्रीमती पारुल थपलियाल के द्वारा “माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम, 2007” पर नगर पालिका परिषद् नैनीताल सभागार मे स्वय सहायता समूह की महिलाओ के साथ विधिक साक्षरता एवं जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया। जिसमे सचिव द्वारा बताया गया माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम, 2007 एक भारतीय कानून है जो माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों को भरण-पोषण, सुरक्षा और गरिमापूर्ण जीवन सुनिश्चित करता है। यह अधिनियम बच्चों और उत्तराधिकारियों के लिए अपने माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल करना एक कानूनी दायित्व बनाता है,यह कानून बच्चों और उत्तराधिकारियों पर माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण करने का कानूनी दायित्व डालता है, जो अपनी आय या संपत्ति से अपना भरण-पोषण करने में असमर्थ हैं।यह अधिनियम वरिष्ठ नागरिकों को भोजन, वस्त्र, निवास और चिकित्सा देखभाल जैसे बुनियादी जीवन की जरूरतों के लिए कानूनी अधिकार प्रदान करता है।भरण-पोषण न्यायाधिकरण को बुजुर्गों की संपत्ति से बच्चों को बेदखल करने का भी अधिकार है यदि वे भरण-पोषण का उल्लंघन करते हैं।यह अधिनियम वृद्धाश्रम स्थापित करने और वरिष्ठ नागरिकों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा के लिए एक व्यापक कार्य योजना बनाने के लिए राज्य सरकारों को सशक्त बनाता है।अधिनियम की धारा 125 के तहत, यदि कोई व्यक्ति किसी वरिष्ठ नागरिक को पूर्णतः त्यागने के आशय से छोड़ता है तो उसे तीन महीने तक के कारावास या ₹5,000 तक के जुर्माने या दोनों से दंडित किया जा सकता है।सिविल जज द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्य श्रेत्र के बारे में विस्तार पूर्ण जनकारी दी, अधिशासी अधिकारी द्वितीय विनोद सिह जीना द्वारा इस तरह की कार्यशाला को प्रभावी बताया और बताया की इस तरह के जगरूकता शिविर से हमारा समाज जागरूक होगा और महिलाएं आगे इस कानूनी जानकारी को लोगो को बताये इस तरह का आशय भी किया गया शिविर मे यशवंत कुमार, सिटी मिशन मैनेजर सीमा पांडे, व समस्त महिला समूह उपस्थित रहे।।





