नैनीताल:-माध्यमिक स्तर पर संचालित कौशलम कार्यक्रम के अंतर्गत आज डायट नैनीताल में जनपद स्तरीय प्रदर्शनी-२०२५ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विद्यार्थियों द्वारा विकसित किए गए अपने स्थानीय उत्पाद के प्रोटोटाइप की प्रदर्शनी लगा कर उसका प्रस्तुतीकरण किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों में उद्यमशील मानसिकता (स्टार्टअप )एवं २१वीं सदी के कौशलों का विकास कर उन्हें बेहतर भविष्य के लिए तैयार करना है। कार्यक्रम में जनपद के 40 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के 80 विद्यार्थी एवं उनके मार्गदर्शी शिक्षकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। इसके साथ ही जनपद के चयनित १० उद्यमशील मार्गदर्शी शिक्षकों द्वारा को भी कार्यक्रम में सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम/प्रदर्शनी का उदघाटन प्राचार्य श्री सुरेश आर्या एवं मुख्य अतिथि कुमाऊं विश्वविद्यालय के भीमताल परिसर के निदेशक /डीन , प्रबंधन विभाग, प्रोफेसर एल .के. सिंह द्वारा किया गया। इस अवसर पर उनके द्वारा अपने संबोधन में छात्रों द्वारा किए जा रहे इस प्रकार के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्हें निरंतर परिश्रम करने और अपने प्रयासों में और सुधार लाने हेतु प्रेरित किया गया। उनके द्वारा कहा गया कि हमें अपनी असफलता से कभी हार नहीं माननी चाहिए अपितु हमें इससे सीख लेते हुए दुगुने जोश और उत्साह से कार्य करना चाहिए, परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है। कौशलम कार्यक्रम के जिला समन्वयक प्रवक्ता डॉ० ज्योतिर्मय मिश्र एवं डॉ शैलेन्द्र धपोला द्वारा विद्यार्थियों द्वारा विकसित किए गए प्रोटोटाइप का मूल्यांकन किया गया। प्रदर्शनी में रा०इ ०का० कसियालेख की टीम द्वारा प्रथम स्थान, रा०इ०का० बानना की टीम द्वारा द्वितीय एवं रा०इ०का० पदमपुर मीडार, चोरलेख
की टीम द्वारा तृतीय स्थान प्राप्त किया गया। कार्यक्रम में सर्वोच्च तीन स्थान प्राप्त करने वाली टीमों को ट्राफी एवं प्रशस्तिपत्र प्रदान किए गए। ये विद्यार्थी अब एस सी ई आर टी उत्तराखंड एवं उद्यम लर्निंग फाउंडेशन द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय कौशलम एक्सपो में जनपद नैनीताल का प्रतिनिधित्व करेंगे । इसके साथ ही कार्यक्रम में डा विनीत वैरागी, पूजा नेगी, दीपा रैकवाल , हेमा जोशी ,गौरीशकर कांडपाल , आदि चयनित उद्यमशील मार्गदर्शी शिक्षकों को भी प्रशस्तिपत्र और स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन संस्थान के श्री मनोज कुमार चौधरी द्वारा किया गया। कार्यक्रम में संस्थान के समस्त संकाय सदस्यों के साथ ही डी०एल०एड० प्रथम एवं तृतीय सेमेस्टर के प्रशिक्षुओं द्वारा भी प्रतिभाग किया गया।


