नैनीताल:-उत्तराखंड में पंचायत चुनाव 2025 के परिणाम घोषित हो चुके हैं, लेकिन कुछ स्थानों पर चुनाव परिणामों को लेकर विवाद खड़े हो रहे हैं। नैनीताल जिले के भीमताल ब्लॉक अंतर्गत ग्राम अढ़ोड़ा में ग्राम प्रधान पद के लिए हुए चुनाव में पराजित प्रत्याशी भारती मेहरा ने निरस्त मतपत्रों को लेकर गंभीर आपत्ति जताई है।
भारती मेहरा ने आरोप लगाया है कि उनके हारने का प्रमुख कारण वे 82 मत हैं जिन्हें मतगणना के दौरान निरस्त कर दिया गया। उनका कहना है कि यदि ये मत गणना में शामिल किए जाते, तो चुनाव का परिणाम पूरी तरह से बदल सकता था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि अधिकांश मतपत्र सिर्फ इसलिए निरस्त किए गए क्योंकि उन पर पीठासीन अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं थे, जबकि मतदाताओं ने विधिवत रूप से अपने मत डाले थे।
इस संबंध में भारती मेहरा ने निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखते हुए निष्पक्ष पुनः मतगणना की मांग की है और उन 82 निरस्त मतों को फिर से गिनने की अपील की है।
इसके साथ ही उन्होंने सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम 2005 की धारा 7 (जीवन और स्वतंत्रता) के तहत जानकारी भी मांगी है। RTI के तहत उन्होंने यह पूछताछ की है कि ग्राम अढ़ोड़ा में प्रधान पद की मतगणना के दौरान कुल कितने मतपत्र निरस्त हुए, उनमें से कितने बिना मतदान अधिकारी के हस्ताक्षर के थे, और चुनाव के दौरान मतदान अधिकारियों की जिम्मेदारियाँ क्या होती हैं।
उन्होंने यह भी पूछा है कि यदि किसी बूथ पर 10 प्रतिशत से अधिक मत सिर्फ इसलिए निरस्त हो जाएँ कि उन पर अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं हैं, तो ऐसी स्थिति में चुनाव आयोग की क्या प्रक्रिया या दिशानिर्देश हैं?
गौरतलब है कि ग्राम अढ़ोड़ा में विजयी प्रत्याशी को 302 वोट और पराजित प्रत्याशी भारती मेहरा को 240 वोट प्राप्त हुए। केवल 62 वोटों के अंतर से हारने वाली भारती मेहरा का कहना है कि यदि निरस्त किए गए मत पुनः जोड़े जाएँ, तो परिणाम बदल सकता है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या प्रशासन इस मांग पर संज्ञान लेता है और निष्पक्ष पुनर्मतगणना की प्रक्रिया शुरू करता है।


