‘जनजातीय विरासत और स्वदेशी प्रथाएँ ‘ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन।

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नैनीताल:-आज महिला अध्ययन केंद्र कुमाऊं यूनिवर्सिटी में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन हुआ जिसका विषय जनजातीय विरासत और स्वदेशी प्रथाएँ रहा ।
आज कार्यक्रम के प्रारंभ में महिला अध्ययन केंद्र का नाम माता जी या रानी महिला अध्ययन केंद्र करने हेतु लोकार्पण किया गया I इस अवसर पर कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर दीवान सिंह रावत और प्रोफेसर सतपाल बिष्ट, महिला अध्ययन केंद्र की निदेशक प्रोफेसर नीता बोरा शर्मा, ने नारियल तोड़ कर शिलान्यास किया गया । S अवसर पर निदेशक विजिटिंग प्रोफेसर प्रोफेसर ललित तिवारी , डॉ महेंद्र राणा प्रोफेसर चंद्रकला रावत प्रोफेसर सावित्री जंतवाल , संजय पंत अभियंता उपस्थित रहे
कार्यक्रम का प्रारंभ देवदार सभागार में दीप प्रज्वलन के साथ हुआ तथा कुलगीत एवं राष्ट्रगान के साथ निदेशक प्रोफेसर नीति बोरा शर्मा ने सभी विशिष्ट अतिथियों का स्वागत किया तथाजस्टिस राजेश टंडन विशिष्ट अतिथि थे I इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्यो के लिए कार्यरत महिलाओं को सम्मानित किया गया जिसमें प्रोफेसर चित्रा पांडे, आशा शर्मा श्रीमती लीला वनियाल श्रीमती सविता गिरी शामिल रही ।
कार्यक्रम की मुख्य वक्ता प्रोफेसर नुसरत खान जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी तथा प्रोफेसर पिंकी शर्मा दिल्ली विश्वविद्यालय ने अपने विचार व्यक्त करते हुए जनजातीय महिला अधिकारों पर चर्चा की तथा उससे संबंधित कानून और उसकी जागरूकता के बारे में अपने विचार रखें जनजातीय समाज भारत के इतिहास और पहचान का एक अनिवार्य हिस्सा हैं । उनकी परम्पराओं को समझने से हमें भारत की सांस्कृतिक विविधता को समझने और जानने में मदद मिलती है।
इस अवसर पर डॉक्टर जगदीश पंत जो कि जनजातीय भाषा विशेषज्ञ हैं विशेषज्ञ है ,की पुस्तक “उत्तराखंड की बुक्सा जनजाति -भाषा और साहित्य” का विमोचन किया गया I
कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर ललित तिवारी ने किया I कार्यक्रम में न्यायमूर्ति राजेश टंडन, कुलपति प्रॉफ दिवान एस रावत ,कुलपति सतपाल बिष्ट ,दिल्ली विश्वविद्यालय की डॉ पिंकी शर्मा ,प्रॉफ विजय रानी ने विचार रखे तथा कहा कि जनजाति को अधिकारों की जानकारी सहित उन्हें विज्ञान के साथ मुख्य धारा में लाने की जरूरत आज भी है । डॉ किरण तिवारी नए सभी का धन्यवाद किया तथा सभी अतिथियों को शॉल उड़ाकर तथा पौधा भेट किया गया । तकनीकी सत्र में डॉक्टर संदीप बडोनी ने जनजातीय विरासत और स्वदेशी प्रथाएँ पर अपना व्याख्यान दिया तथा शोधार्थियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किया टेक्निकल सेशन में डॉक्टर रितेश शाह प्रोफेसर चंद्रकला रावत का विशेष सहयोग रहा I आज राष्ट्रीय संगोष्ठी में लीगल बिंदुओं पर चर्चा भी हुई । कार्यक्रम में प्रॉफ ज्योति जोशी ,प्रॉफ गीता तिवारी , प्रॉफ सावित्री ,डॉ मनोज बिष्ट ,डॉ भूमिका ,डॉ पंकज ,डॉ मोहित रौतेला , डॉ सरोज पालीवाल , अविनाश ,खुशबू सहित शोधार्थी आदि उपस्थित रहे ।कल कार्यक्रम का समापन होगा।

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