नैनीताल:- 2 अक्टूबर 1994 में उत्तराखंड राज्य की मांग को लेकर दिल्ली जा रहे आंदोलन कारियों पर मुजफ्फरनगर में हुई जघन्य घटना को याद करते हुए आज डांठ में विभिन्न संगठनों के लोगों और शहर के जागरूक नागरिकों ने शहीदों को याद किया। सभी का मानना था कि 3 दशक बाद भी शहीदों को न्याय नहीं मिला और आज भी लद्दाख में लोकतांत्रिक मांगों के खिलाफ वैसा ही दमन जारी है जैसा 1994 में उत्तराखंड आंदोलनकारियों ने झेला। सभी प्रदर्शनकारियों ने सोनम वांगचुक तथा अन्य गिरफ्तार लोगों की तुंरत रिहाई की मांग की और लद्दाख की लोक तांत्रिक मांगों का समर्थन किया।
शिखा रावत, माया चिलवाल , डा. शीला रजवार , राजीव लोचन साह, दिनेश उपाध्याय, यशपाल रावत , महेश जोशी , जस्सी राम आर्या , पंकज भट्ट, तारा सिंह बिष्ट, शाकिर अली, कविता उपाध्याय , संध्या शर्मा , मयूर, पवन राकेश आदि मौजूद रहे।




