भवाली/नैनीताल:- सैनिक स्कूल घोड़ाखाल ने अपने हीरक जयंती समारोह के उपलक्ष्य में अंतर-विद्यालय लोकनृत्य प्रतियोगिता का सफल आयोजन किया। विद्यालय के सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में भारत की जीवंत सांस्कृतिक धरोहर का उत्सव मनाया गया, जिसमें क्षेत्र के पंद्रह प्रतिष्ठित विद्यालयों ने भाग लेकर मनमोहक प्रस्तुतियाँ दीं।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ. हरीश रौतेला द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। प्रथम महिला श्रीमती श्वेता डंगवाल ने भी अपनी गरिमामयी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। दीप प्रज्ज्वलन समारोह अंधकार के नाश और ज्ञान की विजय का प्रतीक था। इसके पश्चात छात्राओं द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना ने वातावरण को भक्तिमय एवं शांतिमय बना दिया।
प्रतियोगिता में भाग लेने वाले पंद्रह प्रतिष्ठित विद्यालय थे — अशोक हॉल गर्ल्स रेजिडेंशियल स्कूल, रानीखेत; आर्मी पब्लिक स्कूल, रानीखेत; भारतीय शहीद सैनिक विद्यालय, नैनीताल; जवाहर नवोदय विद्यालय; मोहन लाल शाह बालिका विद्या मंदिर, नैनीताल, ग्रीन माउंट ग्लोबल स्कूल, भीमताल; सनवाल स्कूल, नैनीताल; नैन्सी कॉन्वेंट स्कूल, नैनीताल; हर्मन माइनर स्कूल, भीमताल; पीएम श्री अटल उत्कृष्ट राजकीय मॉडल इंटर कॉलेज, पटलोट; कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, खनस्यूं (ओखलकांडा); निर्मला कॉन्वेंट स्कूल, गेठिया; डेविटो स्कूल, भवाली; लेक्स इंटरनेशनल स्कूल, भीमताल तथा आयोजक विद्यालय सैनिक स्कूल घोड़ाखाल।
प्रत्येक टीम ने भारत के विभिन्न राज्यों की लोकनृत्य विधाओं को प्रस्तुत किया, जिससे पूरा सभागार ताल, रंग और ऊर्जा से भर उठा। यह कार्यक्रम सुमन निर्मल मिंडा फाउंडेशन द्वारा प्रायोजित था। प्रतियोगिता का उद्देश्य विद्यार्थियों में सांस्कृतिक समझ को विकसित करना, भारत की पारंपरिक कलाओं के प्रति सम्मान की भावना जगाना तथा “विविधता में एकता” की भावना को सुदृढ़ करना था, जो सैनिक स्कूल घोड़ाखाल की मूल भावना में निहित है।
प्रदर्शन के उपरांत मुख्य अतिथि ने सभी प्रतिभागी टीमों को प्रमाणपत्र प्रदान किए। तत्पश्चात मुख्य अतिथि डॉ. हरीश रौतेला ने प्रतियोगिता के परिणाम घोषित किए। तृतीय स्थान लेक्स इंटरनेशनल स्कूल, भीमताल, द्वितीय स्थान मोहन लाल शाह बालिका विद्यालय, नैनीताल, तथा प्रथम स्थान सैनिक स्कूल घोड़ाखाल ने प्राप्त किया। निर्मला कॉन्वेंट स्कूल को उनके हृदयस्पर्शी प्रदर्शन के लिए विशेष उपहार प्रदान किया गया।
प्रधानाचार्य ग्रुप कप्तान विजय सिंह डंगवाल ने मुख्य अतिथि को एक विशेष स्मृति चिन्ह भेंट कर आभार व्यक्त किया।
अपने संबोधन में डॉ. हरीश रौतेला ने सभी टीमों को उनके मनमोहक एवं प्रेरणादायक प्रदर्शन के लिए हार्दिक बधाई दी, जिन्होंने भारत की सांस्कृतिक विविधता का सुंदर उत्सव मनाया। उन्होंने सैनिक स्कूल घोड़ाखाल को उत्कृष्टता, अनुशासन और राष्ट्रसेवा के साठ गौरवशाली वर्ष पूर्ण करने पर भी शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने विद्यालय की शैक्षणिक एवं सह-पाठ्यक्रमिक उत्कृष्टता के समन्वय की सराहना की, जिससे आत्मविश्वासी, अनुशासित और जिम्मेदार नागरिक तैयार होते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे सांस्कृतिक आयोजन विद्यार्थियों में सृजनात्मकता, टीम भावना और सांस्कृतिक धरोहर के प्रति सम्मान की भावना का विकास करते हैं।
अंत में कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन और राष्ट्रगान के साथ हुआ, जिसने इस जीवंत और यादगार समारोह को गरिमापूर्ण समापन प्रदान किया।






