नैनीताल:- शनिवार को कुमाऊँ विश्वविद्यालय, नैनीताल द्वारा यूजीसी मलवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र के तत्वावधान में चल रहे “योग एवं वेलनेस” विषयक लघु अवधि शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत प्रतिभागियों के लिए एक प्राकृतिक भ्रमण का आयोजन किया गया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में देश के नौ राज्यों से आए कुल 43 शिक्षक प्रतिभाग कर रहे हैं, जिनमें विभिन्न विषयों के सहायक एवं सहयोगी प्रोफेसर शामिल हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों को योग, वेलनेस, पोषण तथा प्रकृति के साथ सामंजस्य की शिक्षा देना है।
प्राकृतिक भ्रमण के अंतर्गत प्रतिभागियों को टिफिन टॉप क्षेत्र में ले जाया गया, यह भ्रमण पद्मश्री श्री अनूप साह (प्रसिद्ध प्रकृति छायाकार) एवं श्री विनोद पांडे के कुशल मार्गदर्शन में सम्पन्न हुआ। श्री साह एवं श्री पांडे ने प्रतिभागियों को नैनीताल क्षेत्र की वनस्पति विविधता, औषधीय पौधों के चिकित्सकीय महत्व, उनके पारिस्थितिक तथा पर्यावरणीय महत्व के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। इस अनुभव से प्रतिभागियों को प्रकृति और स्वास्थ्य के बीच के गहरे संबंध को प्रत्यक्ष रूप से समझने का अवसर प्राप्त हुआ।
इस भ्रमण का मुख्य उद्देश्य प्रतिभागियों को प्रकृति से जुड़ाव के माध्यम से आंतरिक सुख और मानसिक शांति की अनुभूति कराना था। प्रकृति के सान्निध्य में बिताया गया समय न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करता है, बल्कि यह जीवन में संतुलन और सकारात्मकता लाने में भी सहायक होता है।
इसके अतिरिक्त, आज के सत्र में साधना अवस्थी , विभागाध्यक्ष सामुदायिक चिकित्सा, डॉ सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय, मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी द्वारा “पोषण एवं वेलनेस” विषय पर एक महत्वपूर्ण व्याख्यान भी आयोजित किया गया। इस सत्र में प्रतिभागियों को संतुलित आहार, पोषक तत्वों की भूमिका, दैनिक जीवन में आहार की आदतों का स्वास्थ्य पर प्रभाव आदि विषयों पर व्यावहारिक जानकारी दी गई। व्याख्यान में यह भी बताया गया कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में पोषण का कितना महत्वपूर्ण स्थान है।
कार्यक्रम समन्वयक डॉ रीतेश साह ने बताया कि यह प्रशिक्षण न केवल अकादमिक दृष्टिकोण से उपयोगी है, बल्कि यह प्रतिभागियों को व्यक्तिगत जीवन में स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाने में भी सहायक सिद्ध हो रहा है। आने वाले दिनों में योग, ध्यान, आयुर्वेद, एवं मानसिक स्वास्थ्य जैसे विषयों पर भी विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे।



