नैनीताल:- कुमाऊँ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर दीवान एस. रावत द्वारा शुक्रवार को डीएसबी परिसर, नैनीताल में चल रही सेमेस्टर परीक्षाओं का औचक निरीक्षण किया गया। इस दौरान उन्होंने विभिन्न परीक्षा कक्षों का भ्रमण किया और परीक्षा ड्यूटी पर तैनात पर्यवेक्षकों से प्रत्यक्ष संवाद करते हुए परीक्षा की पारदर्शिता, अनुशासन और गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने उत्तर पुस्तिकाओं के वितरण, समयपालन, शांतिपूर्ण वातावरण और विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित समस्त मानकों के अनुपालन की गंभीरता से समीक्षा की।
निरीक्षण के दौरान यह सुनिश्चित किया गया कि परीक्षाएँ निर्धारित समय पर प्रारंभ हो रही हैं, सभी विद्यार्थियों को प्रश्नपत्र और उत्तर पुस्तिकाएँ समय पर उपलब्ध कराई जा रही हैं, किसी भी प्रकार की अनुचित गतिविधि या नकल की संभावनाओं पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है तथा महिला परीक्षार्थियों के लिए आवश्यक सुविधाएँ सुलभ हैं। कुलपति प्रो. रावत ने “नकल रहित परीक्षा प्रणाली” की विशेष रूप से सराहना करते हुए इसे विद्यार्थियों में आत्मविश्वास तथा संस्थान में अकादमिक विश्वसनीयता सुदृढ़ करने वाली प्रक्रिया बताया। उन्होंने परीक्षा प्रभारी, संकाय सदस्यों और प्रशासनिक कर्मचारियों की तत्परता और सजगता की प्रशंसा की।
इसी अवसर पर कुलपति महोदय ने डीएसबी परिसर में चल रहे निर्माण एवं विकास कार्यों का भी निरीक्षण किया। उन्होंने गणित, संगीत एवं अन्य विभागों के लिए निर्मित किए जा रहे नए शैक्षणिक भवनों और प्रयोगशालाओं के विस्तार कार्यों की प्रगति का जायज़ा लिया। निर्माण एजेंसी एवं संबंधित अभियंताओं से संवाद करते हुए उन्होंने कार्य की गुणवत्ता, समयसीमा और सुरक्षा मानकों के अनुपालन की स्थिति की जानकारी प्राप्त की।
निरीक्षण के दौरान कुलपति प्रो रावत ने स्पष्ट किया कि निर्माण कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार्य नहीं होगी। उन्होंने निर्देश दिए कि छात्रों और शिक्षकों की शैक्षणिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए कार्यों को प्राथमिकता के साथ पूर्ण किया जाए। साथ ही, कार्यों में पारदर्शिता, कार्यकुशलता और बजट के उचित उपयोग की सतत निगरानी की जाए। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि विकास कार्यों के दौरान किसी प्रकार की शैक्षणिक गतिविधि में व्यवधान उत्पन्न न हो और सभी निर्माण कार्य निर्धारित समयसीमा के भीतर गुणवत्ता के साथ पूर्ण किए जाएँ।


